बहाने तो ढहते हैं, झुक जा... जिंदगी से कहते हैं, रुक जा। बहाने तो ढहते हैं, झुक जा... जिंदगी से कहते हैं, रुक जा।
हे जननी जन्मभूमी माँ शत्-शत् नमन करता हूँ... हे जननी जन्मभूमी माँ शत्-शत् नमन करता हूँ...
बिछड़ते दरख़्त से परिंदों की तरह माँ के न होने से हम भी डरते रहे बिछड़ते दरख़्त से परिंदों की तरह माँ के न होने से हम भी डरते रहे
बिल्ली नहीं अपशकुन से डरते हैं बिल्ली नहीं अपशकुन से डरते हैं
खुश नही हूं... खुश नही हूं...
वह जो रंग - बिरंगे बैलूनों को बाँधे हुए अपने डंडे में समय से पहले ही बचपन को अलव वह जो रंग - बिरंगे बैलूनों को बाँधे हुए अपने डंडे में समय से पहले ही ...